अक्सर चिंताए जताई जाती हैं कि पाश्चात्य संस्कृति से भारतीय परंपराओं को एक बड़ा खतरा है। लेकिन क्या सचमुच ऐसा है... भारत में हमेशा से दूसरी संस्कृतियों को आत्मसात करने की परंपरा रही है और अगर यह कहा जाए कि भारत में दुनिया के किसी भी कोने की संस्कृति को पूरी तरह आत्मसात करने की क्षमता है तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगा। मेरी पत्रकार मित्र सरोज सिंह ने यह फोटो गोवा के एक बीच से लिया है, जो कम से कम यही जाहिर करता है।
Saturday, February 19, 2011
भारतीय परंपरा और पाश्चात्य संस्कृति का सह-आस्तित्व
अक्सर चिंताए जताई जाती हैं कि पाश्चात्य संस्कृति से भारतीय परंपराओं को एक बड़ा खतरा है। लेकिन क्या सचमुच ऐसा है... भारत में हमेशा से दूसरी संस्कृतियों को आत्मसात करने की परंपरा रही है और अगर यह कहा जाए कि भारत में दुनिया के किसी भी कोने की संस्कृति को पूरी तरह आत्मसात करने की क्षमता है तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगा। मेरी पत्रकार मित्र सरोज सिंह ने यह फोटो गोवा के एक बीच से लिया है, जो कम से कम यही जाहिर करता है।
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