Saturday, March 07, 2009

फंसते जा रहे हैं मंदी के चक्रव्यूह में!

धर्मेंद्र कुमार
बाजार की मंदी ने लोगों की जोरदार पिटाई लगाना शुरू कर दिया है। बाजार गिरता जा रहा है। नौकरियां छूटती जा रही हैं। और सरकार...! वह लगातार हाथ-पैर मार रही है और 'फल' नजर नहीं आ रहा है।

विशेषज्ञ मान रहे हैं कि जब तक बाजार में आत्मविश्वास नहीं लौटता कुछ भी कहा नहीं जा सकता। अभी तक यह महसूस किया जा रहा था कि भारत पर मंदी का वह असर नहीं पड़ेगा जो दुनिया के दूसरे बड़े देशों पर पड़ा है। लेकिन, अब लगने लगा है कि आने वाले समय में हमारा देश भी इसके प्रकोप से अछूता नहीं रहेगा। आर्थिक मंदी की तपिश ने हमें भी झुलसाना शुरू कर दिया है...पढें

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