अस्सी के दशक में मैंने देव साब का एक इंटरव्यू पढ़ा था, तब उनकी कई फिल्में लगातार फ्लॉप हो चुकी थीं... उनसे सवाल किया गया था कि इतनी शोहरत मिल चुकी है अब फिल्में बनाने की क्या जरूरत है... सिर से बाल उड़ने लगे हैं, मुंह में से दांत उखड़ रहे हैं, बॉलीवुड में से पैर उखड़ रहे हैं... बूढ़े हो रहे हैं आप...। उनका जवाब सुनिए...
'बाल उड़ रहे हैं तो विग लगा लेंगे, दांत उखड़ रहे हैं, तो नकली लगवा लेंगे, शरीर की चमक जाएगी तो अच्छे कपड़ों से ढक लेंगे लेकिन बॉलीवुड में से पैर नहीं उखड़ने दूंगा... आखिरी दम तक फिल्में बनाता रहूंगा...।' उस इंटरव्यू के करीब 20 साल बाद तक वह उसी उत्साह से बिना किसी फल की इच्छा किए अपना काम करते रहे।
तब में करीब 14-15 साल का था... लेकिन उस दिन मन में यही आया कि चाहे कुछ भी हो जाए, जब तक मरेंगे, अपने को फिट रखेंगे और काम करेंगे... अलविदा देव साब... आप हर वक्त जेहन में रहेंगे।
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