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संप्रग में जश्न का माहौल है। लेकिन, सही मायनों में जीत उनकी नहीं, जनता की हुई है... और इस बार ही नहीं, आजादी के बाद से हर बार हम भारतीयों ने इसे सिद्ध किया है। देश की जनता कभी किसी के बरगलाने में नहीं आई। हर बार सही समय पर बिल्कुल सही फैसला लिया। शायद यही वजह है कि दुनियाभर में भारत को सबसे बड़ा और मजबूत लोकतंत्र माना जाता रहा है।
यह दीगर बात है कि देश के नेता जनता के फैसलों को अक्सर 'अप्रत्याशित' बताते रहे हैं। देश की आजादी के बाद पहले आम चुनावों से शुरुआत करें तो यह एकदम साफ हो जाता है। आजादी के बाद 1952 में हुए पहले आम चुनाव में देश की जनता ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस को सरकार चलाने की जिम्मेदारी सौंपी... उनके आजादी के संघर्ष का सही मूल्यांकन करते हुए।
पहले कार्यकाल के दौरान देश के नवनिर्माण में जुटे रहे नेहरू को देश के इन्हीं नागरिकों ने 1957 में अगले चुनाव के दौरान दूसरा मौका भी सौंपा... यही नतीजा 1962 में भी रहा...पढ़े
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