महात्मा गांधी की शहादत के दिन इस रविवार को देश के गणमान्य लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून, केंद्र में लोकपाल और हर राज्य में प्रभावशाली और सशक्त लोकायुक्त बनवाने के लिए नई दिल्ली में रामलीला मैदान से जंतर मंतर तक पैदल मार्च करेंगे।
किरण बेदी, जस्टिस संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण, जेएम लिंग्दोह और अरविंद केजरीवाल ने मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रारूप तैयार किया है।
इस प्रारूप को लागू करवाने के लिए ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जनयुद्ध” अभियान शुरू किया गया है। अभियान में जेएम लिंग्दोह, स्वामी अग्निवेश, अन्ना हज़ारे, आर्च बिशप विंसेंट एम कंसेसाओ, महमूद मदनी, श्रीश्री रवि शंकर, स्वामी रामदेव, देविंदर शर्मा, सुनिता गोदरा, मल्लिका साराभाई आदि शामिल हैं।
प्रारूप में कहा गया है कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ दिन पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बनाने की घोषणा की थी लेकिन सरकार जिस तरह का लोकपाल बनाने जा रही है वह दिखावा मात्र है। बाकी एंटी-करप्शन संस्थाओं की तरह लोकपाल को भी सिर्फ सलाह देने वाली संस्था बनाया जा रहा है। यानी भ्रष्टाचार पाए जाने पर लोकपाल सरकार को अपने ही मंत्रियों के खिलाफ एक्शन लेने की सलाह देगा। क्या प्रधानमंत्री में यह राजनीतिक साहस होगा कि वह अपने किसी मंत्री के खिलाफ एक्शन लें?
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की तरफ से गणमान्य लोगों द्वारा तैयार किए गए लोकपाल कानून को लागू करवाने के लिए 30 जनवरी को हो रहे मार्च में हर आमजन को आमंत्रत किया गया है।
नई दिल्ली के अलावा मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलुरु, अहमदाबाद, पुणे, औरंगाबाद, पटना, भागलपुर, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, सूरत, बड़ोदरा, चंडीगढ़, गुवाहाटी, कोयंबटूर, कानपुर, हैदराबाद, जयपुर, झांसी, ग्वालियर, भोपाल, पणजी (गोवा), पॉन्डिचेरी और कई अन्य में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मार्च का आयोजन किया जा रहा है।
अमेरिका के न्यू यॉर्क (यूनियन स्क्वायर पार्क) और वॉशिंगटन डीसी (यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड) में भी शांति मार्च को आयोजन किया जाएगा।
किरण बेदी, जस्टिस संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण, जेएम लिंग्दोह और अरविंद केजरीवाल ने मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रारूप तैयार किया है।
इस प्रारूप को लागू करवाने के लिए ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जनयुद्ध” अभियान शुरू किया गया है। अभियान में जेएम लिंग्दोह, स्वामी अग्निवेश, अन्ना हज़ारे, आर्च बिशप विंसेंट एम कंसेसाओ, महमूद मदनी, श्रीश्री रवि शंकर, स्वामी रामदेव, देविंदर शर्मा, सुनिता गोदरा, मल्लिका साराभाई आदि शामिल हैं।
प्रारूप में कहा गया है कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ दिन पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बनाने की घोषणा की थी लेकिन सरकार जिस तरह का लोकपाल बनाने जा रही है वह दिखावा मात्र है। बाकी एंटी-करप्शन संस्थाओं की तरह लोकपाल को भी सिर्फ सलाह देने वाली संस्था बनाया जा रहा है। यानी भ्रष्टाचार पाए जाने पर लोकपाल सरकार को अपने ही मंत्रियों के खिलाफ एक्शन लेने की सलाह देगा। क्या प्रधानमंत्री में यह राजनीतिक साहस होगा कि वह अपने किसी मंत्री के खिलाफ एक्शन लें?
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की तरफ से गणमान्य लोगों द्वारा तैयार किए गए लोकपाल कानून को लागू करवाने के लिए 30 जनवरी को हो रहे मार्च में हर आमजन को आमंत्रत किया गया है।
नई दिल्ली के अलावा मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलुरु, अहमदाबाद, पुणे, औरंगाबाद, पटना, भागलपुर, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, सूरत, बड़ोदरा, चंडीगढ़, गुवाहाटी, कोयंबटूर, कानपुर, हैदराबाद, जयपुर, झांसी, ग्वालियर, भोपाल, पणजी (गोवा), पॉन्डिचेरी और कई अन्य में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मार्च का आयोजन किया जा रहा है।
अमेरिका के न्यू यॉर्क (यूनियन स्क्वायर पार्क) और वॉशिंगटन डीसी (यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड) में भी शांति मार्च को आयोजन किया जाएगा।
1 comment:
bahoot badhia likha gaya. keep it up.
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